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श्री गंगा मैया जी की आरती | Maa Ganga Ji Ki Aarti



हर हर गंगे, जय माँ गंगे,

हर हर गंगे, जय माँ गंगे ॥


ॐ जय गंगे माता,

श्री जय गंगे माता ।

जो नर तुमको ध्याता,

मनवांछित फल पाता ॥


चंद्र सी जोत तुम्हारी,

जल निर्मल आता ।

शरण पडें जो तेरी,

सो नर तर जाता ॥

॥ ॐ जय गंगे माता..॥


पुत्र सगर के तारे,

सब जग को ज्ञाता ।

कृपा दृष्टि तुम्हारी,

त्रिभुवन सुख दाता ॥

॥ ॐ जय गंगे माता..॥


एक ही बार जो तेरी,

शारणागति आता ।

यम की त्रास मिटा कर,

परमगति पाता ॥

॥ ॐ जय गंगे माता..॥


आरती मात तुम्हारी,

जो जन नित्य गाता ।

दास वही सहज में,

मुक्त्ति को पाता ॥

॥ ॐ जय गंगे माता..॥


ॐ जय गंगे माता,

श्री जय गंगे माता ।

जो नर तुमको ध्याता,

मनवांछित फल पाता ॥


ॐ जय गंगे माता,

श्री जय गंगे माता ।


श्री गंगा मैया जी की आरती एक प्रसिद्ध आरती है जो माँ गंगा को समर्पित है। इस आरती में माँ गंगा की महिमा और उनके समुद्र में बाधाओं को दूर करने की शक्ति का वर्णन किया गया है। इस आरती को भक्त उनकी पूजा-अर्चना में गाते हैं और माँ गंगा से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। यह आरती हिंदी भाषा में होती है और इसे गंगा दशहरा, कुंभ मेले और अन्य पर्वों पर भी बड़े धूम-धाम से गाया जाता है।



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